थांदला/कल्याणपुरा (एनएमटी न्यूज़):
जिन शासन में संयम और तप को कर्मों की निर्जरा का मुख्य साधन माना गया है। इसी परंपरा में एक और साधक ने आत्मकल्याण की दिशा में निर्णायक कदम बढ़ाते हुए विरल संयम मार्ग को स्वीकार किया। अक्षय तृतीया, 30 अप्रैल 2025 के पावन अवसर पर थांदला में दीक्षित ललित भंसाली अब पूज्य श्री ललितमुनिजी के रूप में महाव्रतधारी मुनि बन गए। उनकी बड़ी दीक्षा का भव्य और आध्यात्मिक वातावरण से परिपूर्ण समारोह झाबुआ जिले के कल्याणपुरा में विधिपूर्वक संपन्न हुआ।
यह दीक्षा समारोह जिन शासन गौरव, पूज्य श्री उमेशमुनिजी म.सा. “अणु” के अंतेवासी, पूज्य श्री धर्मदासगण के नायक, प्रवर्तक श्री जिनेंद्रमुनिजी के सान्निध्य में सम्पन्न हुआ। उन्होंने बड़ी दीक्षा विधि संपन्न करवाई और नवदीक्षित मुनि को छह जीव निकायों के भेद, तप की विधियों, तथा महाव्रतों के अर्थ व महत्व का गूढ़ ज्ञान प्रदान किया।
चार प्रकार के साधक और संयम का मूल्य
प्रवर्तक श्री ने कथा के माध्यम से समझाया कि संयम पथ पर चलने वाले साधकों की चार श्रेणियाँ होती हैं – पहली, जो संयम छोड़ देते हैं; दूसरी, जो केवल औपचारिकताएं निभाते हैं; तीसरी, जो उसका पालन करते हैं; और चौथी, जो संयम को निखारते हुए दूसरों को भी प्रेरित करते हैं। ललितमुनिजी अब चौथी श्रेणी के साधक बनने की राह पर हैं।
गुरुदेव अतिशयमुनिजी की हितशिक्षा
दीक्षा समारोह में पूज्य श्री अतिशयमुनिजी ने कहा कि भरतक्षेत्र में छेदोपस्थापनिय चारित्र को धारण करना आत्मा की वीरता का प्रमाण है। उन्होंने ललितमुनिजी को योद्धा की उपमा देते हुए संयम के रण में सजग व अप्रमत्त रहने की प्रेरणा दी। चार प्रमुख गुण—क्षमा, विनय, सरलता व संतोष—के विकास से आत्म विजय संभव है।
संघ का आत्मीय सत्कार
कल्याणपुरा श्रीसंघ ने बड़ी श्रद्धा से इस आयोजन का दायित्व निभाया। संघ अध्यक्ष सुनील धोका के नेतृत्व में मालवा, निमाड़, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र सहित विभिन्न क्षेत्रों से आए गुरुभक्तों का स्नेहिल स्वागत किया गया। संयम प्रभाविक महासती संयमप्रभाजी सहित कई साध्वियों ने भावपूर्ण छंदों द्वारा दीक्षा का स्वागत किया।
धर्मसभा की गरिमा में योगदान देने वाले प्रमुख अतिथि
इस अवसर पर पूज्य ललितमुनिजी के सांसारिक भ्राता भरत भंसाली, पूज्य श्री धर्मदासगण परिषद अध्यक्ष, महामंत्री शैलेश पीपाड़ा, व विभिन्न संघों से आए गणमान्यजनों, भंसाली परिवार व मित्रगणों की उपस्थिति ने समारोह की गरिमा को और ऊँचाई दी। संचालन अरुण छाजेड़ ने किया और मीडिया प्रभारी पवन नाहर ने संपूर्ण जानकारी साझा की।
📜 महावीर संदेश – पंकज चौरड़िया
“महाव्रत धारण करने का संकल्प आत्मा की तपोमयी उड़ान है, जो मोक्ष के पथ की ओर बढ़ती है। पूज्य ललितमुनिजी को इस दिव्य यज्ञ में आरूढ़ होने पर कोटिशः वंदन।”