झकनावदा में तेरापंथ धर्म संघ के आचार्य महाश्रमण जी का त्रिवेणी उत्सव: जन्मोत्सव, पटोत्सव और दीक्षा उत्सव का भव्य आयोजन

 

साध्वी श्री पंकज श्री जी के सानिध्य में मनाया जाएगा ऐतिहासिक उत्सव

पेटलावद | एनएमटी न्यूज़ एजेंसी
मालवा की पावन धरा पर, तेरापंथ धर्म संघ के 11वें आचार्य, आचार्य श्री महाश्रमण जी का जन्मोत्सव, पटोत्सव और दीक्षा उत्सव इस रविवार 11 मई को झकनावदा में भव्य रूप से मनाया जाएगा। यह त्रिवेणी उत्सव तेरापंथ धर्म संघ के अनुयायियों के लिए एक ऐतिहासिक अवसर है, जिसे साध्वी श्री पंकज श्री जी के सानिध्य में आयोजित किया जाएगा। इस उत्सव में आचार्य महाश्रमण जी के जीवन के महत्वपूर्ण क्षणों और उनके योगदान की चर्चा की जाएगी।

आचार्य महाश्रमण जी का जीवन परिचय
आचार्य महाश्रमण जी का जन्म 13 मई 1962 को राजस्थान के सरदारशहर में हुआ था। बचपन से ही उनकी सरलता, दयालुता और मेधा ने उन्हें अन्य बच्चों से अलग किया। उन्होंने मात्र 12 वर्ष की आयु में, 5 मई 1974 को दीक्षा ग्रहण की और मुनि जीवन को अंगीकार किया।

आचार्य महाश्रमण जी ने अपनी कड़ी साधना और उच्च शिक्षाओं के माध्यम से तेरापंथ धर्म संघ को न केवल देश बल्कि विदेशों में भी व्यापक रूप से प्रतिष्ठित किया। उन्होंने तीन देशों – नेपाल, भूटान और भारत की यात्रा की और अहिंसा, नैतिकता और सद्भावना का संदेश दिया। उनके नेतृत्व में तेरापंथ धर्म संघ ने 23 राज्यों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

महाश्रमण जी की विशेषताएं
आचार्य महाश्रमण जी ने तीन देशों की यात्रा की और 60000 किलोमीटर से अधिक की अहिंसा यात्रा की। उनके संदेशों ने लाखों लोगों के जीवन को बदल दिया। उनका जीवन पूरी दुनिया को नैतिकता, सद्भावना, और नशा मुक्ति के तीन वरदान दे रहा है। उन्होंने अपने कार्यकाल में जनता की सेवा के लिए हर क्षण समर्पण किया और धर्म की शुद्धता को बनाए रखा।

उत्सव का महत्व
इस त्रिवेणी उत्सव में, जहां आचार्य महाश्रमण जी के जन्मोत्सव, पटोत्सव और दीक्षा उत्सव का उल्लास होगा, वहीं उनके अमृतवाणी का भी आयोजन होगा, जिससे समाज के हर वर्ग के लोग प्रेरित होंगे। इस आयोजन में, साध्वी श्री पंकज श्री जी आचार्य महाश्रमण जी के जीवन के प्रेरक पहलुओं पर प्रकाश डालेंगी और उनके कार्यों को सम्मानित किया जाएगा।

आमंत्रण
आध्यात्मिक उन्नति की ओर एक कदम बढ़ाने का यह अवसर है, जिसमें हर व्यक्ति आचार्य महाश्रमण जी के चरणों में आकर अपने जीवन को धन्य बना सकता है। इस भव्य आयोजन में शामिल होने के लिए आप सभी सादर आमंत्रित हैं। रविवार 11 मई को झकनावदा में आयोजित इस त्रिवेणी उत्सव का हिस्सा बनें और आचार्य महाश्रमण जी के जीवन से प्रेरणा प्राप्त करें।

महावीर संदेश – पंकज जे पटवा


 

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