नवागढ़ गुरुकुल में बच्चों के लिए संस्कारों से ओत-प्रोत शिक्षा का सुनहरा अवसर
नवागढ़ | एनएमटी न्यूज़ एजेंसी
अतिशय क्षेत्र नवागढ़ के प्रतिष्ठित गुरुकुल में नवीन शैक्षिक सत्र के लिए प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस गुरुकुल में बच्चों को न केवल जैन दर्शन और धार्मिक शिक्षा, बल्कि आधुनिक लौकिक शिक्षा भी दी जाती है, जिससे उनकी मानसिक और आध्यात्मिक उन्नति सुनिश्चित होती है। शिक्षा के साथ-साथ बच्चों में संस्कारों का बीजारोपण भी किया जाता है, जो उन्हें जीवन में सही दिशा और उद्देश्य प्रदान करता है।
प्राचीनता और संस्कृति संरक्षण
नवागढ़ का प्राचीन अतिशय क्षेत्र आज भी भक्तों को भगवान अरनाथ स्वामी की कृपा से आशीर्वाद प्रदान करता है। यहां की सांस्कृतिक धरोहर और प्राचीन गुरुकुल परंपरा को संरक्षित रखते हुए ब्रह्मचारि जयकुमार निशांत और पुष्प परिवार ने श्री नवागढ़ गुरुकुलम् की स्थापना की है। इस गुरुकुल का उद्देश्य बच्चों को जैन धर्म, संस्कृति, और उच्च शिक्षा का संयोजन प्रदान करना है।
शिक्षा का स्वरूप
नवागढ़ गुरुकुल में कक्षा 6, 7 और 8 के छात्रों को अंग्रेजी माध्यम से वरिष्ठ और अनुभवी शिक्षकों द्वारा शिक्षा प्रदान की जाती है। यहां छात्र गणित, अंग्रेजी, संस्कृत, हिंदी, सामाजिक विज्ञान जैसे विषयों के साथ-साथ ज्योतिष, वास्तु और व्यवहारिक ज्ञान भी प्राप्त करते हैं।
परिवेश और व्यवस्था
गुरुकुल का वातावरण प्राकृतिक सौंदर्य से घिरा हुआ है, जो छात्रों को शांति और ध्यान की स्थिति में रहने के लिए प्रेरित करता है। छात्र प्रतिदिन पूजन, आरती और स्वाध्याय करते हैं और उन्हें शुद्ध, पौष्टिक भोजन प्राप्त होता है। इस शांतिपूर्ण और स्वस्थ परिवेश में बच्चों की शिक्षा और संस्कार दोनों पर विशेष ध्यान दिया जाता है।
उच्च शिक्षा हेतु सहयोग
नवागढ़ गुरुकुल के साथ ही, मुनि श्री प्रणम्य सागर महाराज के आशीर्वाद से संचालित रेवाड़ी अकलंक शरणालय, गुरुकुल खुरई और मडिया में भी छात्रों को उच्च शिक्षा का अवसर प्रदान किया जाता है, जिससे बच्चों का सर्वांगीण विकास होता है।
विशेष आमंत्रण
नवागढ़ गुरुकुल में प्रवेश के लिए 30 जून तक आवेदन किए जा सकते हैं। यह एक सुनहरा अवसर है, जहां आपके बच्चे संस्कारों और शिक्षा का सही संतुलन प्राप्त कर सकते हैं। नवागढ़ समिति और गुरुकुल परिवार आपके सहयोग से इसे निशुल्क संचालित कर रहे हैं, ताकि हर बच्चे को बेहतर शिक्षा मिल सके।
संस्थापक का योगदान
नवागढ़ गुरुकुलम् के संस्थापक ब्रह्मचारि जयकुमार निशांत भैया जी ने विशेष रूप से छात्रों के ज्ञानवर्धन और धार्मिक शिक्षा हेतु यह उपक्रम किया है। उनका उद्देश्य बच्चों को श्रवण संस्कृति के संरक्षण हेतु प्रेरित करना है, ताकि वे जीवन में आगे बढ़ सकें और समाज में अपने योगदान दे सकें।
महावीर संदेश – मनोज जैन नायक