झाबुआ नगरी में पूज्य प्रवर्तक श्री जिनेन्द्र मुनि जी म.सा. आदि ठाना 6 का मंगल प्रवेश

 

धर्मदास गणनायक की प्रेरणा से झूम उठा पूरा श्री संघ – जयकारों से गूंजे नगर के पथ

झाबुआ | एनएमटी न्यूज़ एजेंसी
झाबुआ की पावन धरती शुक्रवार को दिव्य उल्लास और आत्मिक ऊर्जा से भर उठी जब आचार्य श्री उमेश मुनिजी म.सा. अणु के सुशिष्य, बुद्धपुत्र धर्मदास गणनायक प्रवर्तक देव पूज्य श्री जिनेन्द्र मुनिजी म.सा. आदि ठाना 6 का नगर में भव्य मंगल प्रवेश संपन्न हुआ।

प्रातः 8:40 बजे झाबुआ के मेंन बाज़ार स्थित जैन स्थानक भवन में सैकड़ों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में प्रवेश हुआ। पूज्य गुरुदेव एवं मुनि मंडल की अगवानी हेतु सकल जैन श्री संघ के श्रावक, श्राविकाएं, युवा, महिलाएं एवं बालक-बालिकाएं अलसुबह से ही कल्याणपुरा रोड पर एकत्र होकर पथ पर पंक्तिबद्ध प्रतीक्षा में थे।

गूंजे जयकारों से नगर के मार्ग

पूज्य प्रवर्तक श्री का विहार कल्याणपुरा रोड से प्रारंभ होकर दिलीप गेट, बस स्टैंड होते हुए जैन स्थानक भवन तक पहुंचा।
पूरे मार्ग में “जय हो आचार्य श्री उमेश मुनिजी म.सा.”,
“जय हो पूज्य जिनेन्द्र मुनिजी म.सा.”
तथा
“जय हो भगवान महावीर स्वामी जी की”
इन गगनभेदी जयघोषों से नगर का वातावरण आध्यात्मिक ऊर्जा से ओतप्रोत हो उठा।

स्थानक भवन पर सामूहिक वंदना एवं मंगलपाठ

स्थानक भवन पहुंचने पर समस्त समाजजनों ने पूज्य गुरुदेव को सामूहिक वंदन अर्पित किया और विहार की कुशलक्षेम जानी। इसके उपरांत पूज्य प्रवर्तक श्री ने श्रद्धालुओं को मंगलपाठ का श्रवण कराया, जिससे समस्त उपस्थित जनों के अंत:करण में धर्म की गहराई और अहिंसा का भाव जागृत हुआ।

धर्मदास गणनायक के चरणों से पावन हुआ झाबुआ

झाबुआ में पूज्य मुनि मंडल का यह मंगल प्रवेश आध्यात्मिक इतिहास की स्वर्णिम कड़ी बन गया। पूज्य श्री के चरण जहां पड़ते हैं, वहां धर्म, संयम और करुणा की धारा स्वतः प्रवाहित हो जाती है।


महावीर संदेश – रिंकू रुनवाल


 

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