लखनपुर | एनएमटी न्यूज एजेंसी | विशेष रिपोर्ट – महावीर संदेश, मनीष जैन विद्यार्थी
आत्मा को शुद्धि और समाज को दिशा देने वाले परम पूज्य सराकोद्धारक आचार्य श्री ज्ञान सागर जी महाराज के जन्मदिवस के पावन अवसर पर पश्चिम बंगाल के विभिन्न सराक क्षेत्रों में ज्ञान-संस्कार शिक्षण शिविरों का भव्य शुभारंभ हुआ। यह आयोजन भारतवर्षीय सराक ट्रस्ट के तत्वावधान में संपन्न हुआ, जिसमें देशभर से पधारे विद्वानों एवं संतों ने धर्म की ज्योति जगाई।
🔸 गुरुकृपा और तपशक्ति से अनुप्राणित आयोजन
शिविर का उद्घाटन पूज्य आचार्य श्री ज्ञेय सागर जी, आर्यिका श्री स्वस्ति भूषण माताजी, आर्यिका श्री आर्ष मति माताजी, तथा आर्यिका श्री सुज्ञान मति माताजी के पावन आशीर्वचनों से हुआ।
ब्र. मंजुला दीदी एवं ब्र. मनीष भैया के कुशल निर्देशन में यह धर्मोत्सव लखनपुर, बारकोना, राजामेला, भोक्ताबांध, हारीबांगा, लक्ष्मणपुर, साहिबखेड़ा, खगड़ा एवं चुड़री में एक साथ आरंभ हुआ।
🔹 प्रथम दिवस की प्रमुख झलकियां:
- दीप प्रज्वलन और कलश स्थापना के साथ शिविरों की शुरुआत
- पंडित जयकुमार जी दुर्गा, पंडित रीतेंद्र जैन, पंडित राजकुमार शास्त्री, पंडित नितिन शास्त्री सहित अनेक विद्वानों का प्रेरणादायी सान्निध्य
- विदुषी स्नेहा जैन, सपना जैन व साधिका जैन द्वारा बालक-बालिकाओं को धर्म एवं संस्कृति का बोध
- सभी शिविरार्थियों को शिक्षण किट वितरण
- वरिष्ठजनों को अंगवस्त्र व सफेद टोपी से सम्मानित किया गया
- मंदिर पदाधिकारियों द्वारा विद्वानों का सामूहिक अभिनंदन
🔸 संस्कार और संस्कृति का संगम
शिविर संयोजक मनीष विद्यार्थी सागर ने बताया कि –
“पश्चिम बंगाल के सराक जैन समाज में आमतौर पर सफेद टोपी पहनने की परंपरा नहीं रही है। परंतु मंदिरों में जब भी जिन दर्शन के लिए प्रवेश किया जाए, सिर ढकना आवश्यक है – पुरुष टोपी से और महिलाएं पल्लू से। यह सभी धर्मों की एक साझा परंपरा है, जो श्रद्धा, अनुशासन और आत्म-समर्पण का प्रतीक है।”
🔹 महामंत्र का महत्व – ज्ञान का दीप जलाते पंडित जयकुमार जी
लक्ष्मणपुर शिविर में पंडित जयकुमार जी दुर्गा ने बच्चों को णमोकार महामंत्र की महिमा समझाते हुए कहा –
“यह केवल जप नहीं, बल्कि आत्म-शुद्धि का आंतरिक विज्ञान है। जब इसे श्रद्धा से किया जाता है, तो जीवन की दिशा ही बदल जाती है।”
🔸 स्थानीय सहयोग से सफल हो रहा शिविर
डॉ. प्रदीप जैन, रामदुलार जैन एवं शक्तिपथ जैन सहित अनेक समाजसेवी इस शिक्षण शिविर को सफल बनाने में सक्रिय सहयोग कर रहे हैं। उनके सतत प्रयासों से सराक समाज में नवचेतना और आत्मबोध का संचार हो रहा है।
“संस्कारों से जीवन महान बनता है, और धर्म के बीज बच्चों के हृदय में पड़ें तो समाज स्वर्णिम बनता है।”
— महावीर संदेश | मनीष जैन विद्यार्थी