संस्कार, सेवा और संस्कृति का संगम — इंदौर में 2000 बच्चों के साथ भव्य जैन बाल संस्कार शिविर संचालित

इंदौर | एनएमटी न्यूज एजेंसी | विशेष रिपोर्ट — महावीर संदेश, मनीषा जैन

यंग जैन स्टडी ग्रुप द्वारा इंदौर के सन्मति विद्यालय में आयोजित सप्त दिवसीय जैन बाल संस्कार शिविर में इन दिनों भक्ति, शिक्षा और जीवन मूल्यों का अद्भुत संगम देखने को मिल रहा है। इस शिविर में लगभग 2000 बच्चे हिस्सा ले रहे हैं, जो शहर में बाल संस्कारों के प्रति जागरूकता और अभिभावकों की आस्था का प्रतीक है।

🔸 भव्य शुभारंभ और गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति

शिविर का अवलोकन करने पहुंचे अखिल भारतीय जैन श्वेताम्बर सोशल ग्रुप्स फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जिनेश्वर जैन, पूर्व अध्यक्ष प्रकाश भटेवरा, महासचिव अरिहंत जैन, पायोनियर ग्रुप के अध्यक्ष श्री राजेश बूलिया, समाजसेवी कांति लाल बम, कैलाश वेद, राजीव जैन, लड्डू लाल जैन, पारस जैन, मुकेश जैन आदि ने शिविर की व्यवस्थाओं की सराहना की।

इस अवसर पर श्री जिनेश्वर जैन ने “संस्कारों का महत्व और जीवन में उनकी भूमिका” विषय पर प्रेरणादायक उद्बोधन देते हुए कहा –

“संस्कार जीवन को सार्थक और समर्पित बनाते हैं। वे हमें परिवार, समाज और राष्ट्र के प्रति उत्तरदायित्व निभाने की शिक्षा देते हैं।”

🔹 सरल भाषा, प्रेरक कथाएं – बच्चों को जोड़ने का अद्भुत प्रयास

शिविर संयोजक श्री अजय जैन ने बताया कि बच्चों को सरल, संवादात्मक भाषा में प्रेरणात्मक कथाओं के माध्यम से जीवन के मूल्य सिखाए जा रहे हैं।
अखिलेश जैन ने बताया कि संस्कारों का बीजारोपण प्रभावशाली उदाहरणों के माध्यम से किया जाता है, जिससे बच्चे तुरंत उसे व्यवहार में उतार पाते हैं।

🔸 अनुशासन और व्यवस्था बनी शिविर की पहचान

पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रकाश भटेवरा ने कहा –

“प्रेरणा और प्रोत्साहन के माध्यम से बच्चों को सही दिशा देना ही शिविर की सबसे बड़ी उपलब्धि है।”
राष्ट्रीय महासचिव अरिहंत जैन ने शिविर की अनुशासित व्यवस्थाओं की सराहना करते हुए कहा –
“यह मेरा पहला धार्मिक संस्कार शिविर है जहां हर छोटी बात को बड़ी गंभीरता से निभाया जा रहा है।”

राजेश बूलिया ने शिविर को भारतीय मूल्यों के पुनर्जागरण का माध्यम बताया, जो आज के पाश्चात्य आकर्षण के युग में अत्यंत आवश्यक है।

🔹 परंपरा, शुद्धता और सेवा का संगठित रूप

शिविर की शुरुआत प्रतिदिन मंगल गान, देवदर्शन और पूजन से होती है, जिससे बच्चों के मन में आस्था और अनुशासन का बीज अंकुरित होता है।
व्यवस्थापक मुकेश जैन ने बताया कि

“प्रातः 5 बजे से ही जमीकंद रहित, प्रासुक नमकयुक्त एवं शुद्ध शाकाहारी भोजन का निर्माण पूर्ण विवेक के साथ किया जाता है। प्रत्येक सामग्री पानी छानकर बनाई जाती है।”

🔸 आयोजन समिति की समर्पित भूमिका

इस सफल आयोजन के पीछे प्रकाश छाबड़ा, अजय जैन, अखिलेश जैन और समस्त यंग जैन स्टडी ग्रुप का सतत परिश्रम और समर्पण है।

“जब संस्कार जीवन का आधार बनते हैं, तब व्यक्ति केवल सफल नहीं, बल्कि सार्थक जीवन जीता है।”
— महावीर संदेश | मनीषा जैन

 

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