समता भाव से कर्मों के दंड को सहन करना चाहिए – मुनिश्री विलोकसागर

📅 22 मई को आयोजित होगी तीर्थंकर महावीर प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता
📍 मुरैना | एनएमटी न्यूज़ एजेंसी |

कर्मों का भोगने और उनके परिणामों से जूझते हुए जीवन में शांति और संतुलन बनाए रखना कठिन हो सकता है, लेकिन अगर इसे समता के साथ सहा जाए तो कर्मों का प्रभाव कम हो जाता है। यह शब्द दिगंबर जैन संत मुनिश्री विलोकसागर महाराज ने मुरैना स्थित बड़े जैन मंदिर में धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहे। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि जब कर्म बंध होते हैं, तो हम चीखने चिल्लाने लगते हैं, लेकिन उस समय समता के साथ कर्मों को सहन करना चाहिए, ताकि कर्मों की निर्जरा हो सके।

मुनिश्री ने कर्म सिद्धांत को समझाते हुए बताया कि कर्म कभी नहीं छोड़ते, वे हमेशा हमारे साथ चलते हैं। यदि हमने अच्छे कर्म किए हैं, तो सुख और शांति का अनुभव होगा, जबकि खराब कर्मों के परिणाम दुख और अशांति के रूप में सामने आते हैं। इसलिए हमें अपने जीवन को सात्विक और सरल बनाते हुए अपने इष्ट को हृदय में धारण करना चाहिए और पूजा-पाठ, ध्यान, और तपस्या में लीन रहकर अपने जीवन को शांति से जीना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर आपने अपने इष्ट को हृदय में धारण नहीं किया और सत्कर्म नहीं किए, तो आपका जीवन दुखमय हो सकता है।

भगवान महावीर प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन 22 मई को
इसी संदर्भ में, भगवान महावीर स्वामी के जीवन और कृतित्व से आमजन को अवगत कराने के लिए बड़े जैन मंदिर में गुरुवार, 22 मई को तीर्थंकर भगवान महावीर प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। यह प्रतियोगिता शाम 6:45 से 7:45 तक आयोजित होगी, जिसमें जैन और अजैन सभी व्यक्तियों को भाग लेने का अवसर मिलेगा।

इस प्रतियोगिता का उद्देश्य भगवान महावीर के जीवन चरित्र को जन-जन तक पहुंचाना है, और इसमें कुल 150 प्रश्न पूछे जाएंगे। प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सभी प्रतियोगियों को प्रश्नपत्र, जिसमें सभी 150 प्रश्न और उनके उत्तर होंगे, पहले ही वितरित कर दिए जाएंगे। सभी प्रतिभागियों से अनुरोध है कि वे घर पर तैयारी करें और प्रतियोगिता में सम्मिलित हों। प्रतियोगिता के बाद उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों को प्रथम, द्वितीय, तृतीय और सांत्वना पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे।

🙏 इस अवसर पर पूज्य युगल मुनिराजों का पावन सान्निध्य रहेगा और प्रतियोगिता भगवान महावीर के जीवन के संबंध में ज्ञानवर्धन का एक महत्वपूर्ण अवसर बनेगी।

स्मरणीय संदेश:
मुनिश्री के उपदेशों का सार यह है कि हम सभी को जीवन में समता और सरलता के साथ कर्मों का सामना करना चाहिए, ताकि हमारा जीवन सुखमय और शांतिपूर्ण हो।

🔔 समाज के सभी बंधुओं से अनुरोध है कि इस पुण्य अवसर का लाभ उठाएं और महावीर स्वामी के ज्ञान से प्रेरित हों।


महावीर सन्देश | मनोज जैन नायक

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