जयपुर। एनएमटी न्यूज़ एजेंसी।।
जैन धर्म की तप, त्याग और साधना परंपरा को चरितार्थ करतीं, युगप्रभावकाचार्य पुण्य सम्राट श्रीमद् विजय जयंतसेन सूरीश्वरजी महाराजा के समुदायी की परम पूज्या साध्वीवर्याएं स्वयंप्रभा श्रीजी म.सा. की शिष्या, वचनसिद्ध साध्वी श्री कल्पलता श्रीजी म.सा., साध्वी श्री सौम्यगुणा श्रीजी म.सा., तथा साध्वी श्री वैराग्यगुणा श्रीजी म.सा. आदि ठाणा-3 का 16 मई को जयपुर (प्रतापनगर गुरूमंदिर) में भव्य एवं आत्मीय स्वागत हुआ।
यह धार्मिक अवसर जयपुर जैन समाज के लिए धार्मिक गौरव और आध्यात्मिक ऊर्जा से परिपूर्ण रहा। जयपुरवासियों ने भावपूर्वक स्वागत कर साध्वीश्रीजी से धर्मोपदेश प्राप्त किए। जानकारी अनुसार, 17 मई को साध्वीश्रीजी मानसरोवर, जयपुर में स्थिर रहेंगी।
जोधपुर में होगा चातुर्मास का पुण्य अवसर
अखिल भारतीय श्री राजेन्द्र जैन नवयुवक परिषद् के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी श्री ब्रजेश बोहरा ने बताया कि साध्वीश्रीजी आदि ठाणा का आगामी चातुर्मास 2025 हेतु मंगल प्रवेश 5 जुलाई को जोधपुर गुरूमंदिर में सम्पन्न होगा। यह अवसर जोधपुर नगर के लिए धर्म, संयम और साधना के विराट पर्व के रूप में मनाया जाएगा।
महावीर संदेश – जीवनलाल जैन
“जहाँ तप और त्याग का संगम हो, वहाँ आत्मशुद्धि सहज होती है। साध्वीश्रीजी के चरण-सान्निध्य में चातुर्मास एक आत्मिक जागरण का अवसर है, जिसे जोधपुरवासी सौभाग्य के रूप में पा रहे हैं।”