“क्रोध प्रेम का नाश करता है, तिरस्कार नहीं – प्रेम रखें सबके लिए”

मेघनगर धर्मसभा में मुनि पवित्ररत्न विजयजी व मुनि प्रत्यक्षरत्न विजयजी का आध्यात्मिक संदेश

मेघनगर।। एनएमटी न्यूज़ एजेंसी। 
पुण्य सम्राट श्रीमद विजय जयंतसेन सूरीश्वरजी महाराज के कृपापात्र शिष्य, वर्तमान गच्छाधिपति श्रीमद विजय नित्यसेन सूरीश्वरजी एवं आचार्य श्रीमद विजय जयरत्न सूरीश्वरजी के आज्ञानुवर्ती पूज्य मुनि श्री प्रत्यक्षरत्न विजयजी म.सा. एवं मुनि श्री पवित्ररत्न विजयजी म.सा. ने मेघनगर प्रवास के दूसरे दिन शनिवार को धर्मसभा को पावन उपदेशों से अनुप्राणित किया।

✦ मुनि पवित्ररत्न विजयजी: “क्रोध, अहंकार और मक्कड़ता से जीवन का पतन”

अपने ओजस्वी प्रवचन में पूज्य मुनि श्री पवित्ररत्न विजयजी ने कहा:

“हमें यह मानव जीवन अत्यंत दुर्लभता से प्राप्त हुआ है। इसे क्रोध में गँवाना बुद्धिमानी नहीं। क्रोध और अहंकार पहले पकड़ते हैं, फिर जकड़ते हैं, टकराते हैं और अंत में मक्कड़ता में फँसा देते हैं। क्रोध प्रेम का नाश करता है और जीवन को अंधकार में ढकेल देता है।”

✦ मुनि प्रत्यक्षरत्न विजयजी: “चार उद्देश्य रखें जीवन में”

पूज्य मुनि प्रत्यक्षरत्न विजयजी ने जीवन के चार मूलभूत उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा:

  1. कभी किसी को आहत न करें
  2. कभी किसी पर जबरदस्ती न करें
  3. हर प्राणी के लिए प्रेमभाव रखें
  4. हर संभव मदद करें

उन्होंने समझाया कि तिरस्कार का भाव आत्मा को कलुषित करता है, जबकि प्रेम जीवन को पवित्र बनाता है।

“यदि ये चार उद्देश्य जीवन में उतार लें, तो जीवन धन्य हो जाएगा।”


📿 विहार और चातुर्मास की जानकारी
ज्ञान मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष मनोहर चौरडिया ने बताया कि पूज्य मुनि भगवंत रविवार 18 मई को विहार कर फूलमाल, तथा सोमवार 19 मई को झाबुआ श्रीसंघ में मंगल प्रवेश करेंगे।

श्रीसंघ उपाध्यक्ष दिलीप कोठारी, नरेंद्र रांका, एवं विमल जैन ने संघ को सूचित किया कि पूज्य मुनिश्री का नागदा जंक्शन पर चातुर्मास प्रवेश 7 जुलाई को होगा, जिसमें सभी धर्मप्रेमियों की सहभागिता अपेक्षित है।


🎁 प्रभावना का सौभाग्य
आज की धर्मसभा में प्रभावना का सौभाग्य श्री शांतीलाल लोढ़ा परिवार एवं श्रीमती स्नेहलता मनोहरलाल कावड़िया परिवार ने प्राप्त किया।

🖋 – महावीर संदेश: जयेश झामर

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