गच्छाधिपति आचार्य देवेश श्रीमद्विजय हितेशचंद्र सूरीश्वर जी म सा की सूरी मंत्र आराधना की प्रथम पीठिका सम्पन्न

आहोर ( प्रदीप जैन ) गच्छाधिपति,आचार्य देवेश श्रीमद्विजय हितेशचंद्र सूरीश्वर जी म सा की आचार्य पदवी पश्चात सुरिमंत्र आराधना की 21 दिवसीय मोन आराधना, साधना बड़े हर्षोल्लास से पूर्ण हुई
आचार्य पद प्राप्ति पश्चात 5 पीठिका द्वारा सुरिमंत्र की आराधना की जाती है जिसके अन्तर्गत गच्छाधिपति जी ने राजस्थान की धन्य धरा आहोर नगर में चातुर्मास के अंतर्गत 21 दिवसीय मोन के साथ प्रथम सुरिमंत्र आराधना की गई
आराधना पूर्णाहुति के अवसर पर जावरा, मनावर, रतलाम, इंदौर, गौतमपुरा, नागदा, बामनिया,भिनमाल, जालोर, बागरा, के सेकड़ो गुरुभक्त उपस्थित रहे
सुरिमंत्र आराधना समापन के अवसर पर दिनाँक 3 नवम्बर को प्रातः गच्छाधिपति साधना कक्ष से निकल कर उपाश्रय में पधारे जंहा गुरुभक्तों ने जय जय कार से गुरुदेव का स्वागत किया तत्पश्चात गुरुदेव के मंगलाचरण के साथ धर्मसभा प्रारम्भ हुई, इस अवसर पर विधि कारक श्री हेमंत जी जैन मक्सी ने सूरी मंत्र आराधना का महत्व बताया, इस अवसर पर श्री मोहनखेड़ा ट्रस्ट द्वारा आचार्य श्री को अध्यक्ष पद अनुमोदना पत्र भेट किया इस अवसर पर ट्रस्ट के उपाध्यक्ष श्री पृथ्वीराज जी कोठारी, श्री बाबूलाल जी खेमसरा, श्री मांगीलाल जी रामानी, श्री पुष्पराज जी बोहरा, श्री पारसमल जी मेंगलवा, श्री कमल जी लूणिया उपस्थित रहे। गुरुदेव के श्रीमुख से कान में प्रथम मांगलिक सुनने का लाभ श्री कांतिलाल जी वजावत परिवार आहोर, गुरुदेव के सुरिमंत्र आराधना पश्चात प्रथम पगलिया का लाभ श्री पारसमल जी तलेसरा परिवार ,गुरु पुजन का लाभ श्री घेवरचंद्र जी पोरवाल परिवार,प्रथम गहुली का लाभ साकली बहन कटारिया ने एवं गुरुदेव राजेन्द्र सूरी जी की आरती का लाभ श्री मोहनखेड़ा ट्रस्ट उपाध्यक्ष श्री पृथ्वीराज जी कोठारी परिवार ने लिया धर्मसभा पश्चात चल समारोह के साथ गच्छाधिपति जी गोड़ी पार्श्वनाथ एवं गुरुदेव की पाट गादी के दर्शन वन्दन किये इस अवसर पर जावरा , मनावर में द्वितीय सुरिमंत्र आराधना की विनंती हुई, बागरा श्रीसंघ ने ध्वजा समारोह में पधारने का आग्रह किया, श्री मोहनखेड़ा ट्रस्ट द्वारा आगामी गुरु सप्तमी श्री मोहनखेड़ा तीर्थ में निश्रा प्रदान करने की विनंती की। गुरुदेव ने आगामी गुरु सप्तमी हेतु श्री मोहनखेड़ा तीर्थ में गुरु सप्तमी कार्यक्रम को निश्रा प्रदान की स्वीकृति प्रदान की l गच्छाधिपति जी अपने श्रमण व श्रमणी मंडल सहित 17 नवम्बर को श्री मोहनखेड़ा तीर्थ हेतु विहार प्रारम्भ करेंगे

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