दस दिवसीय शिविर में संस्कारों का होगा सुदृढ़ बीजारोपण
महावीर सन्देश – मनोज जैन नायक, मुरैना
मुरैना। | एनएमटी न्यूज़ एजेंसी | आधुनिक युग की तेज़ दौड़ में नैतिकता, आदर्श और परम्पराएं धीरे-धीरे लुप्त होती जा रही हैं। ऐसी विषम परिस्थितियों में आगम परंपरा एवं प्राचीन संस्कारों की पुनर्स्थापना की पवित्र भावना के साथ श्रमण संस्कृति संस्थान, सांगानेर जयपुर के तत्वावधान में ग्रीष्मकालीन श्रमण संस्कृति संस्कार शिक्षण शिविर का आयोजन किया जा रहा है। यह दस दिवसीय शिविर 25 मई से 3 जून तक मुरैना के श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन पंचायती बड़ा मंदिर एवं श्री गोपाल दिगंबर जैन संस्कृत विद्यालय में सम्पन्न होगा।
शिविरों का शुभारंभ नगर में विराजमान मुनिश्री विलोकसागर एवं मुनिश्री विबोधसागर महाराज के सान्निध्य एवं बाल ब्रह्मचारी संजय भैयाजी के निर्देशन में रविवार 25 मई को प्रातः 7 बजे ध्वजारोहण, चित्र अनावरण एवं दीप प्रज्वलन के साथ होगा। शिविर का समापन मंगलवार 3 जून को सामूहिक समापन समारोह के साथ किया जाएगा।
शिविर संचालन हेतु मुरैना के क्षेत्रीय प्रभारी विद्वत नवनीत शास्त्री एवं आशीष शास्त्री मबई ने बताया कि सुचारू व्यवस्था के लिए प्राचार्य वीरेंद्र जैन बाबा के नेतृत्व में राजकुमार जैन वरैया, अजय जैन गोसपुर, सुरेश जैन शिक्षक, अनिल नायक गढ़ी, सुभाषचंद जैन सेंथरी सहित अन्य लोगों की समिति बनाई गई है।
शिविर के दौरान प्रतिदिन प्रातः 6:30 से 7:30 बजे तक अभिषेक, शांतिधारा एवं पूजन, 7:45 से 8:45 बजे तक सभी विषयों के समांतर कक्षाएं, शाम 7 बजे गुरुभक्ति एवं आरती, उसके बाद फिर 7:30 से 8:30 बजे कक्षाएं तथा रात्रि 8:30 से 9:15 बजे प्रवचन एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
शिक्षण शिविर में सांगानेर से आए विद्वान जैसे नीरज शास्त्री, सुरेश शास्त्री, राहुल शास्त्री, आशीष शास्त्री एवं मयंक शास्त्री द्वारा अभिषेक पूजन, छहढाला, भक्तामर, तत्वार्थसूत्र, द्रव्यसंग्रह, इष्टोपदेश आदि विषयों का समग्र प्रशिक्षण दिया जाएगा।
शिविर आयोजन समिति के सदस्य अनिल जैन गढ़ी वाले ने बताया कि आज के समय में बच्चे अंग्रेज़ी माध्यम के कॉन्वेंट स्कूलों में पढ़ाई करते हैं, जहाँ संस्कारों की कमी रहती है। ऐसे में ये शिविर बच्चों में धार्मिक और सामाजिक संस्कारों का बीजारोपण करने के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। यह आयोजन हमारी संस्कृति, परंपराओं एवं सिद्धांतों को जीवित रखने का सशक्त माध्यम है।
इस शिविर से बच्चों में अपने धर्म और संस्कारों के प्रति जागरूकता बढ़ेगी तथा वे सही मार्ग पर चलने का संकल्प करेंगे।
महावीर सन्देश-मनोज जैन नायक