तत्वार्थ सूत्र में सम्यक दर्शन, ज्ञान और चारित्र ही मोक्षमार्ग की सीढ़ियाँ: अमन शास्त्री

 

जैन मिलन स्वतंत्र डबरा एवं श्रमण संस्कृत संस्थान द्वारा आयोजित शिक्षण सत्र
डबरा। | एनएमटी न्यूज़ एजेंसी |   महावीर दिगंबर जैन मंदिर, कस्टम रोड पर जैन मिलन स्वतंत्र द्वारा आयोजित तत्वार्थ सूत्र शिक्षण सत्र में अमन शास्त्रीजी ने मोक्षमार्ग के तीन प्रमुख स्तंभों पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सम्यक दर्शन, सम्यक ज्ञान और सम्यक चारित्र – ये तीनों मोक्ष की ओर बढ़ने वाली अनिवार्य सीढ़ियाँ हैं। जब तक आत्मा को इन तीनों में सच्ची प्राप्ति नहीं होती, मोक्ष की प्राप्ति असंभव है।

शास्त्रीजी ने समझाया कि सच्चे देव, शास्त्र और गुरु पर श्रद्धा रखना ही सम्यक दर्शन कहलाता है। उन्होंने बच्चों से कहा, “जब भी मंदिर जाएं, तो भगवान से कोई विशेष वस्तु माँगने के बजाय एक प्रार्थना करें – ‘भगवान! हमें सम्यक दर्शन की प्राप्ति हो जाए।’ यही जीवन को सही दिशा प्रदान करेगा।” शिक्षण सत्र में बच्चों, युवाओं और महिलाओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।

कार्यक्रम में पंडित अर्चित भैया जी ने पांच इंद्रियों और पाँच पापों – हिंसा, असत्य, चोरी, कुशीलता और परिग्रह – के विषय में बच्चों को बताया। उन्होंने समझाया कि ये पाप जीव को नरकादि दुर्गति की ओर ले जाते हैं, इसलिए इनसे बचना अत्यंत आवश्यक है।

शिविर में भाग लेने वाले बच्चों को दीपक जैन स्वराज ट्रैक्टर एजेंसी द्वारा फल वितरण भी किया गया, जिससे बच्चों का उत्साह और बढ़ गया।

यह शिक्षण सत्र सम्यक जीवन के मार्ग पर चलने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रेरणा बना।


महावीर सन्देश – मनोज जैन नायक

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